Tuesday, 1 June 2021

शहीद वनरक्षक होशियार कांड के बाद भी वनरक्षक को सहयोग नहीं दे रही जंजैहली पुलिस

शहीद वनरक्षक होशियार कांड के एरिया में कार्यरत वनरक्षक सरन राम उर्फ सरनदीप चौहान की शिकायत पर जंजैहली पुलिस ने 5 दिनों से दर्ज नहीं किया मामला, 

8 लाख 86802 रुपए की वन संपदा बरामद

वनरक्षक ने पुलिस अधीक्षक मंडी को जान माल की अनहोनी को लेकर भेजा शिकायत पत्र,

जंजैहली पुलिस के एसएचओ गोपाल और एएसआई चमन पर लगाए आरोप।

AAS 24news

सराज ,लीलाधर चौहान

बन मंडल करसोग के वन परिक्षेत्र मगरू( छतरी ),वन खंड महोग के अंतर्गत कथौनाधार वीट (जंगल D-262 कथौनाधार) में वनरक्षक सरन राम उर्फ सरनदीप चौहान द्वारा देवदार के तीन विशालकाय पेड़ों की 8,86802 रुपए की वन संपदा बरामद की गई है जिसके आधार पर वनरक्षक ने पुलिस स्टेशन जंजैहली में मामला दर्ज करने हेतु 27 मई को एक शिकायत पत्र भी दिया था मगर अभी तक जंजैहली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज नहीं किया गया है।

जंजैहली प्रभारी गोपाल चंद तथा एएसआई चमन लाल की कार्यवाही पर संतुष्ट ना होकर वन कर्मी ने पुलिस अधीक्षक मंडी को अपनी शिकायत भेजी है।

यह जानकारी वनरक्षक सरन राम उर्फ  सरनदीप चौहान ने मीडिया को देते हुए बताया कि उनके पास वर्तमान में एडिशनल बी ओ का चार्ज भी है। उन्होंने पुलिस की कार्य प्रणाली को संदेह के घेरे में देखते हुए पुलिस अधीक्षक मंडी को जंजैहली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। 

वन कर्मी ने बताया कि पुलिस स्टेशन जंजैहली के प्रभारी गोपाल चंद तथा मामले को इन्वेस्टिगेट कर रहे एएसआई चमन उनकी शिकायत के आधार पर दर्ज ना करके कई सवाल खड़े कर रही हैं जिससे वे मानसिक तनाव में हुए हैं ।

एरिया में हुआ था शहीद वनरक्षक होशियार कांड:-

वनरक्षक सरन राम ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उनके एरिया के साथ लगते कटांढा में कुछ वर्ष पहले शहीद वनरक्षक होशियार को लकड़ी तस्करी करने वालों ने मौत के घाट उतार दिया था जिससे पूरा हिमाचल प्रदेश शर्मसार हुआ था।

इस घटना को देखते हुए उन्होंने उनके तथा उनके परिवार को जान माल की अनहोनी को लेकर आशंका भी जाहिर की है जो उन्होंने अपने शिकायत पत्र पर लिखी है।

क्या कहते हैं रेंज अफसर मगरू:-

इस मामले पर हमने रेंज अफसर मगरू राकेश से बात की तो उन्होंने बताया कि जंजैहली पुलिस को वन कर्मी की तरफ से शिकायत देने के बाद भी मामला दर्ज ना करना निंदनीय है क्योंकि वहां ज्यादातर लकड़ी तस्कर लोग नशे की हालत में रहते हैं जो कभी भी उन्हें तथा उनके किसी कर्मी पर हमला भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिन पेड़ों के आधार पर एफ आई आर दर्ज करने की मांग की गई है उस पर डीआर नहीं काटी गई है। हालांकि विभाग की तरफ से लकड़ी बरामद कर दी गई है जिसकी कीमत 8 लाख 86 हजार 802 आंकी गई है।

बताया कि उन्हें 2 लाख तक डीआर काटने की अनुमति है , इससे अधिक संपत्ति अगर हो तो ये पुलिस केस होता है मगर अफसोस की पुलिस इतने बड़े मामले को हल्के में ले रही है।

सच्चाई है कि पुलिस मास्क के नाम पर गरीब लोगों के चालान 500 से 1000 की करती है मगर जहां लाखों की संपत्ति कब्जे में की गई है वहां मामला भी दर्ज नहीं हो रहा है।

क्या कहते हैं थाना प्रभारी जंजैहली:-

 मामले के आधार पर हमने थाना प्रभारी जंजैहली से टेलीफोन के माध्यम जानकारी हासिल करने की कोशिश की मगर अफसोस हुआ कि साहब का बात करने का तरीका भी रौबदार था तो उन्होंने बताया कि शिकायत मिली है मगर वन कर्मी ने डीआर काट ली है तो मामला दर्ज नहीं नहीं किया जाएगा ।

उन्होंने यह भी बताया कि वन कर्मी 10 लाख तक की संपत्ति की डीआर काट सकता है जबकि वन विभाग के कर्मी व अधिकारियों ने इस बात को नकारा है।

क्या कहती है पुलिस अधीक्षक मंडी:-

 इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हमने पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री के व्हाट्सएप पर मामले को भेजा हालांकि टेलीफोन के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें डीएफओ करसोग के माध्यम से शिकायत मिली थी जिस पर जंजैहली पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें मालूम नहीं कि मामला दर्द है या फिर नहीं।

आपको बता दें कि शहीद वन कर्मी होशियार ने भी इसी तरह के लकड़ी तस्करों को शिकंजे में लेकर अपना बहुत नाम कमाया था मगर अफसोस कि उन्हें उनके अधिकारियों ने तथा पुलिस प्रशासन ने सहयोग न किया जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा था।

आज फिर से एक जंगल बचाने वाला कर्मी में संकट में है तो ऐसी विकट परिस्थिति में पुलिस साथ ना दे तो आप समझ सकते हैं कि मामला किस तरह का हो सकता है।


वन विभाग को एफ आई आर की नहीं मिली कॉपी:- डीएफओ करसोग

थाना जंजैहली के प्रभारी सहित टीम पहुंची घटनास्थल,,

8:00 बजे तक नहीं मिली वन विभाग को एफ आई आर की कॉपी:- डीएफओ करसोग

AAS 24newsसराज 

लीलाधर चौहान

बन मंडल करसोग के वन परिक्षेत्र मगरू (छतरी) वन खंड महोग के अंतर्गत कथौनाधार वीट में अवैध कटान का मामला आजकल सोशल मीडिया तथा अखबारों में सुर्खियां ले रहा है जहां कुछ वर्ष पहले शहीद वनरक्षक होशियार को बन कटुओ ने मौत के घाट उतार दिया था जिससे पूरा प्रदेश शर्मसार हुआ था



 मिली जानकारी के अनुसार वन विभाग के वनरक्षक सरन राम उर्फ सरनदीप चौहान जिन्हें एडिशनल बीओ का चार्ज भी है, द्वारा देवदार के तीन विशालकाय पेड़ फर्स्ट और सेकंड क्लास ₹886802 का अवैध कटान बरामद किया गया था जिस बारे वनरक्षक द्वारा 27 मई 2021 को थाना जंजैहली में मामला दर्ज करने बारे शिकायत पत्र दिया गया था मगर पुलिस ने पिछले 5 दिनों से मामला दर्ज नहीं किया । 

 खबर छपते ही छठवें दिन यानी 1 जून को जंजैहली पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची जिसकी पुष्टि वन मंडल अधिकारी करसोग वासुदेव ने की है। 

हमने मामले की जानकारी हासिल करने के लिए जंजैहली प्रभारी को सरकारी नंबर पर टेलीफोन किया मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया । फिर उनके सरकारी मोबाइल पर किया जिस पर उन्होंने हमें ब्लॉक कर दिया है जिससे साफ जाहिर होता है कि पुलिस पत्रकारों को अहमियत नहीं देती ।

हमने पुलिस अधीक्षक मंडी को टेलीफोन किया मगर वहां से भी हमें कोई अपडेट नहीं मिला।


मामले संबंधी जानकारी हासिल करने के लिए हमने वनरक्षक यूनियन के जिला अध्यक्ष मंडी प्रदीप कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके पास अभी मामले संबंधी सही जानकारी नहीं है।

क्या कहते हैं डीएफओ करसोग:-

मामले संबंधी जानकारी देते हुए डीएफओ करसोग वासुदेव ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जंजैहली थाना के प्रभारी द्वारा उन्हें घटनास्थल पर पहुंचने के बाद फोन पर जानकारी दी गई थी कि वे अपनी टीम सहित  वनरक्षक तथा वन विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ जांच में शामिल हुए हैं  । उन्होंने बताया कि थाना प्रभारी द्वारा मामला दर्ज करने की बात कही गई थी मगर अभी तक एफ आई आर की कॉपी नहीं दी गई है ।

बता दें कि वनरक्षक ने जंजैहली पुलिस की ढीली कार्यवाही को लेकर पुलिस अधीक्षक मंडी को शिकायत पत्र भी भेजा है जिसमें उन्होंने थाना प्रभारी गोपाल चंद तथा एएसआई चमन पर आरोप भी लगाए हैं कि वे उनकी कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं जिससे वे मानसिक परेशान भी है

वनरक्षक ने हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि वनरक्षकों को सुरक्षा मुहैया करवाई जाए जिससे कि वे अपनी जान की हिफाजत कर सकें ।

उन्होंने बताया कि वह वन संपदा को बचाने के लिए जहां संवेदनशील एरिया में अपनी सेवाएं दे रहे हैं मगर उनके लिए सुरक्षा कुछ भी नहीं है।

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