Thursday, 20 August 2020

Atrocity मामले में FIR को रजिस्टर्ड करने के लिए लगे 2 दिन


पुलिस अधीक्षक कुल्लू के पास पहुंचा मामला.

AAS 24newsमंडी

जिला कुल्लू के थाना आनी में  18 अगस्त 2020 को मदनलाल नाम का  अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाला एक पीड़ित व्यक्ति अपना शिकायत पत्र लेकर सुबह करीब 10:00 बजे पहुंच गया था जहां थाना के पुलिस वालों ने उन्हें बाहर निकाल दिया और कहा कि कुछ देर बाद अंदर बुलाएंगे मगर 1 घंटे से भी ज्यादा वक्त हो गया था उन्हें कोई पूछ नहीं रहा था फिर  उन्होंने जिला मंडी के समाजसेवी  एवं पत्रकार  लीलाधर चौहान से टेलीफोन के माध्यम मदद मांगी।  लीलाधर चौहान ने तुरंत थाना के लैंडलाइन फोन पर फोन करके थाना प्रभारी से बात की तो उनके शिकायत पत्र को लिया गया मगर उन्हें एफ आई आर की कॉपी नहीं दी जिस बारे में उन्होंने किसी को जानकारी नहीं दी थी। जानकारी के अनुसार आज सुबह उक्त थाना प्रभारी ने उन्हें थाने पर बुलाया था और उनके ग्वाह को भी बुलावा भेजा था मगर वे दोपहर बाद  3:00 बजे तक नहीं आए थे जिस कारण थाना प्रभारी पीड़ित पक्ष का मामला दर्ज नहीं कर रहा था यानी जो काम डीएसपी का होना चाहिए उसे  थाना प्रभारी स्वयं कर रहा था जो एट्रोसिटी एक्ट के अनुरूप आता है।  पीड़ित मदनलाल ने आज कई बार पत्रकार एवं समाजसेवी लीलाधर चौहान से मदद मांगी तो उन्होंने थाना प्रभारी से FIR की कॉपी पीड़ित पक्ष को देने हेतु निवेदन भी किया मगर वह कहते रहे कि उन्हें अभी गोवा का इंतजार है उसके बाद वह पीड़ित पक्ष को एफ आई आर की कॉपी देंगे जो कानून का सरासर उल्लंघन है क्योंकि एट्रोसिटी एक्ट के अनुसार एफ आई आर की कॉपी तुरंत उसी वक्त दी जानी चाहिए जब पीड़ित पक्ष थाने में अपनी शिकायत पत्र लेकर आता है उसके बाद जांच डीएसपी द्वारा की जानी चाहिए।

समाजसेवी एवं पत्रकार लीलाधर चौहान ने मामले को डीएसपी बंजार बिन्नी मिन्हास  के ध्यान में लाया और व्हाट्सएप पर उन्हें पीड़ित पक्ष द्वारा दी गई लिखित शिकायत पत्र की कॉपी भी भेजी गई।
 इसी दौरान उन्होंने पुलिस कंट्रोल कुल्लू इस मामले संबंधी बात की हालांकि पुलिस अधीक्षक से भी बात करनी चाही मगर व्यस्त थे तो उनके व्हाट्सएप नंबर पर पीड़ित द्वारा भेजा गया मामला फॉरवर्ड किया गया।
कुछ समय बाद हमें पुलिस अधीक्षक कुल्लू से जानकारी हासिल हुई कि मामला atrocity एक्ट धारा 3(1)(s)  के तहत दर्ज हो चुका है और पीड़ित परिवार को एफ आई आर की कॉपी भी प्रदान की गई है मगर अफसोस हुआ कि एक पीड़ित गरीब परिवार को अपना दुखड़ा सुनाने के लिए बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा।

आनी पुलिस की ढीली कार्यवाही को देखते हुए समाजसेवी एवं पत्रकार लीलाधार चौहान ने पुलिस अधीक्षक कुल्लू से उपरोक्त मामले में स्पष्ट जांच मांगी है और कहा है कि भविष्य में अगर इस तरह के मामले दोबारा सामने आए तो वे अपनी हिमाचल प्रदेश की टीम सहित पुलिस विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी करेंगे जिसकी जिम्मेदारी कुल्लू पुलिस की ही होगी।

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